Tarapith mandir | Tarapith mahasasan | Tarapith mandir timing | Tarapith kali mandir tour 2023
तारापीठ पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध पर्यटन और जाना माना धार्मिक स्थलों में से एक है। तारामाता की यह मंदिर पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िला में स्थित द्वारका नदी की तट पर है। रामपुरहाट रेलवे स्टेशन से येह मंदिर लकभग आठ किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।
किंवदंती कि अनुसार तारामाता का पहला मंदिर जयदत्त सदागर द्वारा और दूसरा मंदिर तारा-भक्त सोम घोष द्वारा बनवाया गया था। महाश्मशान में उनके द्वारा बनवाया गया तारामाता का मंदिर समय के विकास के साथ ही नष्ट-होगया है, जिसका आज कोई निशान अबसेष नहीं रही है।
रोजाना सुबहकी ६ बजे मंगलआरती के बाद भक्तों का पूजा निबेदन शुरू हो जाता हैं । दोपहर की 12 बजे से 1 बजे के बीच डाली पूजा बंद रहता हैं। इस समय माँ को अन्य भोग चराया जाता हैं। शाम की संध्या आरती की बाद करीब ९ बजे आदि शिलामूर्ति रूप दर्शन और मंदिर रात 10 बजे बंद हो जाता है।
महीने के दोनों पक्षों में दो अष्टमी तिथि, दो चतुर्दशी, पूर्णिमा, अमावस्या और संक्रांति तिथि पर रात में विशेष पूजा आरती और भोग लगाया जाता है। अगर आधी रात या आखिरी रात को मां की पूजा का कोई विशेष मुहूर्त हो तो मंदिर पूरी रात खुला रहता है।